Examine This Report on भूत की कहानी

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एक दिन राजेश हमारे बिल्डिंग के नीचे के ग्राउंड में रस्सी से बनी काट के ऊपर सोया हुआ था। और हम सब घर के अंदर थे कि अचानक राजेश की आवाज़ सुनाई दी।

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उस कुएं के बारे में सभी तरह तरह की बातें करने लगते हैं…

रात बीतती जा रही थी, और युवक ने एक नए दृष्टिकोण से जीवन को देखना सीख लिया था। राजा की आत्मा ने कहा, “यह जगह सिर्फ भूत-प्रेतों की नहीं, बल्कि जीवित लोगों के लिए भी है। यहां आकर लोग अपने आत्मा के साथ मिलकर जीवन की सच्चाई को समझ सकते हैं।”

उसके कुछ दिनों बाद भी मुझे उस जंगल की ओर से आवाजें आती रही। फिर वो आवाजें आना रुक गयी। इस घटना के कुछ दिनों बाद मेरे पापा मुझे लेने आ गये थे क्योंकि मेरी गर्मी की छुट्टियाँ भी ख़त्म होने वाली थी।

इससे तुम्हारे मासाजी और मासी बहुत घबरागये और उन्होंने राजेश से दूसरा मकान ढूंढने को कहा। मुम्बई में मकान ढूंढना बहुत मुश्किल है और यह मकान में अन्य जगहों की तरह पानी की कोई परेशानी नहीं थी। लेकिन फिरभी वे लोग इन भूतों के कारण वह मकान छोड़ना चाहते थे।

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इसके बाद मोहन उस औरत के साथ उसी घर में रहने लगा। मोहन को भैंसों का दूध पीने के अलावा कोई काम नहीं आता था। ऐसे में कुछ दिन बाद जब घर का राशन खत्म होने लगा तो महिला ने उससे कहा कि वह बाहर जाकर कुछ कमा कर लेकर आए या फिर राजा के पास जाकर खेती के लिए जमीन मांग ले ताकि वह खेती कर अपना भरण पोषण कर सके।

मुंशी राजा के पास जाता है और पहलवान के check here आने का कारण राजा को बताता है तब राजा मुंशी को आदेश देते हैं कि पहलवान को जितनी जमीन चाहिए, वह उसे दे दो। 

एक बार किसी दूसरे गांव का एक ब्राह्मण और एक हमाम किसी विवाह समारोह में शामिल होने जा रहे थे। रास्ते में उन्हें मोहन मिल गया। मोहन ने ब्राह्मण को देखा तो उसने दोनों को अपने पास बुलाते हुए कहा कि आप तो मुझे ज्ञानी नजर आते हो, बताइए मेरी शादी कब और कहां होगी? इस तरह पहलवान का सवाल सुनकर दोनों ठिठक गए। हमाम काफी चतुर था उसने सोचा कि अगर हम इससे बहस करेंगे तो इसके बल के आगे हमारा कोई मुकाबला नहीं। हमाम को एक तरकीब सूझी और उसमे दूर एक ताड़ के पेड़ की ओर उंगली से इशारा करते हुए कहा कि आपकी शादी वहीं होगी। हमाम की बात सुनकर मोहन फूला नहीं समाया और प्रसन्न होकर उसने अपनी पांचों भैंसें दोनों को दान में दे दी और ताड़ के पेड़ की दिशा में चल पड़ा।

!! लेकिन दूर दूर तक कोई नहीं दिखा।उन्हें हैरानी हुई और फिर वे लोग किटकी बंद कर के सो गए।

मां ने उसकी बातों पर बिल्कुल गौर नहीं किया और उस बात को हंसी में टाल दिया। कुछ ही देर में वो अपनी बेटी के मामा यानी अपने भाई के घर पहुंच गई। एक-दो दिन बाद मामा जी के घर के आसपास ही बच्ची के अंदर घुसी मोहिनी को अपनी पड़ोसन सिमरन दिखी। उसने जोर से उसे नाम से पुकारा।

एक दिन पहलवान के पास वाले रस्ते से एक ब्राह्मण और एक नाई (हजाम) दूसरे देश में विवाह की रस्म करने जा रहे थे। उनको रास्ते में पहलवान मिल गया। पहलवान ने ब्राह्मण और नाई से भी वही सवाल पूछा - मेरा विवाह किधर होगा? 

सोनपुर नाम का एक बड़ा सा गांव हुआ करता था जहां अधिकतर खेतीबाड़ी करने वाले किसान रहा करते थे। वहीं, गांव के पास ही घने जंगलों के बीच पीपल के पेड़ में एक भूत रहा करता था। भूत दिनभर तो गायब रहता, लेकिन रात होते ही वह गांव वालों को खूब परेशान किया करता था।

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